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Showing posts from 2019

तुम्हारी 2 दिन की देशभक्ति

नही, नही आप लोंगो को मना किसने किया है आप लोग करलो देशभक्ति, या तो फिर digital देशभक्ति मुझे पता तो सब पता है ये जो व्हाट्सएप्प, फेसबुक में स्टेटस -स्टेटस और पोस्ट पोस्ट  खेल रहे हो ना आज से शुरू कर दिया है हना, आज स्टेटस अपडेट करोगे कल तिरंगे के साथ सेल्फी लोगे फिर fb में शेयर करोगे फिर परसो के लिए कुछ तो बचेगा नही बचेगा तो group में आये हुए देशभक्ति वाले msg, और बहुत सारी फोटोज जिनको आप लोग ढूंढ ढूंढ कर डिलीट करोगे, इतने में भी आप लोगो को चैन कहा अभी तो आप लोग तिरंगे के झंडे बाजार से लोगो और कल शाम होते होते सब कुछ फेंक के दूर निकल जाओगे । ब मैं तो पिछले 21सालों से ऐसी ही देशभक्ति देख रहा हु जो अनुभव था बता दिया.. मैं तो आप लोगो से दूर रहने वाला हु ..कल शाम होते होते अपनी देशभक्ति साबित करुगा.. मैं हर गली, हर कूचे में जाऊँगा और उस जगह भी जाऊँगा जहाँ आप कैसे देशभक्त रहते हो .. वहाँ जाकर बड़ी ही सिद्दत और गर्व के साथ अपने देश का वह मान खोजुग जो आप लोगो ने फेक दिया होगा या तो नज़र अंदाज़ कर दिया होगा। #स्वच्छ भारत #सोच बदलो देश बदलो मैने अभी जो भी ऊपर बताया है ये सिर्फ...

Between you and kashmir 😭😭😕🙊

सुनिए, आप दिल्ली जा रही  है क्या? वहां आपका फ़ोन चालू हो तो प्लीज मेरी मम्मी को फ़ोन कर दीजिएगा?उनसे कहना मैं बिल्कुल ठीक हु,चिंता न करे।पन्द्रह दिन पहले ही मेरे पिता जी नही रहे। मुझे डयूटी पर लौटना पड़ा।माँ को मेरी चिंता हो रही होगी।' एक कागज के टुकड़े पर बादामी बाग कैंट के पास खड़े जवान ने अपनी माँ और पत्नी का नम्बर लिखकर मुझे दे दिया।जम्मू  लौट कर जब फोन के सिंग्नल मिले तो मैंने उसके घर फोन किया। पता चला उस जवान का बेटा बीमार है और आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती है। मैंने उसकी पत्नी से कहा मैं दो दिन बाद फिर लौटूंगी और ये खबर दे दूंगी।लेकिन,उसकी पत्नी ने मना कर दिया।कहा कि उन्हें ये सब मत बताना।  वह  ड्यूटी पर है,परेशान हो जायेगे। पिछले 11दिनों से घाटी में फोन और इंटरनेट पूरी तरह बन्द है। खामियाजा सिर्फ स्थानीय लोगों को नही, उन्हें भी भुगतना पड़ रहा है जो ड्यूटी पर तैनात है।हाथ मे सैटेलाइट फोन है, लेकिन सिर्फ इसलिए कि वह आपनी डयूटी पूरी कर सकें। दस दिनों से वे नही जानते उनके घरों में क्या हो रहा होगा। घर के लोगों को नही पता कि उनके बेटे और पति कैसे हैं। जो खबरे म...

ईद मुबारक ,एक कदम खुशियो की ओर

ईदगाह में नमाज के वक़्त कई हमसफर, हमराही गले मिलेंगे, ईद का शानदार जशन मनायेगे बहुत खुश भी होंगे हो भी क्यों न आखिर साल भर में आने वाला त्योहार जो ठहरा ,और तो और साल में  सिर्फ एक बार ही आता है ऐसे मौके में सबका श्रृंगार, सौंदर्य सातवे आसमान में रहता है... लेकिन इन सबके बीच ईदगाह में कुछ चेहरे होते है जिन्हें ईद की खुशी उतनी ही होती है जितनी औरो को लेकिन फिर भी चेहरे मयूश रहते है वो आपनी मयूशि को छिपाने की लाख कोसिस करते है लेकिन ये मयूशि है जो हरे भरे पेड़ को भी सूखा कर देती है , तो आखिर एक इंसान कैसे छिपा पायेगा, वैसे तो लोग कहते है ईद का त्योहार है बड़ा त्योहार है खुशी का त्योहार है तो ये सब क्यों न है खुश, मयूश क्यों है, चेहरे का रंग उतरा हुआ क्यों है, किसी ने भी जानने की कोसिस न की आज तक शायद, और शायद इसीलिए ईदगाह का वो कोना ऐसे लोगो और चेहरों से भरा रहता है। उनसे जाकर पूछो आखिर ऐसा क्यों है सबका जवाब एक ही होगा कि भाईजान/चाचा या जो भी है आज मैं अपने घर से दूर हु, घर वालों से दूर हु, बीबी बच्चों से दूर हु ,मै यहाँ ईद की नमाज तो पढ़ सकता हु, लेकिन मेरा दिल और दिमाक घर म...

Card's magic tricks...

क़ासिम साहब का ड्राइवर

एक बार की बात है कि एक क़ासिम नाम का व्यक्ति था,जो एक अमीर मुस्लिम परिवार से था,  जिन्हें अपनी गाड़ी  के लिए driver की तलाश थी , कासिम(परिवार का मुखिया) दरअसल हुआ ये था कि उस घर में दो गाड़ियां थी, जिसमे से एक क़ासिम  की थी और दूसरी गाड़ी परिवार के लोगों(उसकी पत्नी,बच्चों, माँ-बाबा,)और दूसरे कामों के लिए थी, वैसे तो घर मे गाड़ियों के लिये दो driver थे पहले से, लेकिन किसी काम से घर की गाड़ी के ड्राइवर को दूसरे काम मे मज़बूरन जाना पड़ा, और वह अपनी नौकरी छोड़ कर कुछ वक़्त के लिए चला गया, चूंकि अब घर में भी बहुत से काम आगे रहते है और क़ासिम भी घर मे न थे कि उनकी गाड़ी से काम हो जाय, जिसके चलते उनहे थोड़ी परेशानिया होने लगी और काम देरी से होने लगें, जब क़ासिम को ये बात मालूम चली तो उसने अपने  मुलाज़िम (personal अस्सिटेंट) से अखबार में एक इसतिहार /विज्ञापन(Add) निकालने को कहा , अब क़ासिम साहब तो शहर में थे नही तो उनका मुलाज़िम driver के ऐड के लिए योग्यता और अन्य जानकारी लेने के लिए क़ासिम साहब की पत्नी के पास जाता है उनकी पत्नी कुछ योग्यता और जरूरत के हिसाब से निम्न जानकारी देती...

Misunderstanding..👿👿👁

ये बात कुछ ज्यादा पुरानी नही है या कहा जाए कि ये बस एक पक्ष है जो  लोगों को उनकी मानसिकता बदलने को कह रहा है, उनका सीधा निशाना सबसे पहले सिर्फ वही लोग है जो इस  विषय या मामले के बारे में कुछ भी नही जानते ,क्यों कि जो कुछ नही जानता वो तो सब कुछ मांन जायगा दूसरों के लिए चाहे तो फिर वह सही हो या फिर पूरा का पूरा गलत, ये मामला पिछले कुछ दिन पहले हुई tabrej ansari   की lynching   को लेकर, जो एक चोरी के मामले को लेकर शुरू हुई थी और बाद में उसे lynching से जोड़ा गया, यह बात इतनी गरमा गर्मी में आई कि देश के सभी राजनीतिक दलों, नेताओं, अभिनेताओं सहित देश के अन्य संगठनों ने भी इसकी निंदा की ,साथ ही तबरेज़ के लिए कड़ी जाँच और न्याय की गुहार लगाई, इसी बीच मे एक social media platforms के star जो लगभग एक साल से ज्यादा ख्याति पा चुके है team07   के members ने अपने विचार  tiktok में पोस्ट किए, जिसमे कोई गलत बात न कि थी फिर भी कुछ तथाकथित देशभक़्तों को ये पसंद न आया और उनकी FIR कर दी जिसके चलते उनके media account को टेम्पोररी बंद कर दिया गया और जांच चल रही है.....

It's An Emergency...

अचानक light आ गई, और मेरी आँखों के सामने दीवार के नीचे काले धुंए का साया नहीं नहीं वो साया नहीं धुँवा ही था। 11सेकेण्ड तो सोचने में लग गए कि ये क्या हो रहा है। फिर मैंने आनन-फानन में  अपनी दुकान के दोनों ओर देखा आखिर क्या हुआ, धुँवा क्यों और कहा से आ रहा है?? फिर तभी सामने खड़ी गौमाता को किसी ने थपकी मार के हटा दिया.  तभी मैने क्या देखा कि। 👇 👇 👇 👇 कम्बखत कोई बीड़ी का सुट्टा मार रहा था....👁👁👁👁👿👿👿👿           imran.....

Joke for family isssu

   Q. दूर सफर में जाना है तो क्या लेकर जाना जरूरी है??   Answwrs।।।।         Yogi:   सोने के लिििएए तकिया,           Shivam:  एक बड़ी गाड़ी,          Ankush:  जेब भर ले रुपये-पैसे,     Vimal:  चार्जर, हैडफ़ोन और  power bank,          Me:...................          ...... ....         ....    Papa ki permission. 

Khayal

एक अकेलापन                     Ek roj jab mai rooth gya,     Apne khyalon se chhot gya..     Kaise rhuga bin apno ke,     Ab to rishta mera,meri hawav se toot gya...     Kuch behtar, kuch khash, thoda apne_pn ka ahsas,     Mere ahsaso ki patang ka dohra manjha toot gya...     Wo mndiro ki ghatiya,aazane masjido ki.      Ek behtar kal ke aagose me, khubsurat pal ye chhot gya..       Adhura  Khayal jab ghr se bahar jane ka aaya,       mera poora bchpan mujhse rooth gya.....