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किस्मत : QISMAT

यह एक प्रकार का खेल है जिसे कुछ शर्तों में आप समझ सकते है। https://chandlatosatna.blogspot.com/p/policy.html A thought around you and luck..                           मेरी दहलीज के बाहर  किस्मत खड़ी है,                          और मैं दरवाजा बंद कर उसके लौटने का इंतज़ार कर रहा हूं...                            शायद मुझे किस्मत में भरोसा नही। Lines को पढ़ने के बाद आपके दिमाक में जो भी पहला thought आता है ,उसे कॉमेंट करें। ( आप  हमारे व्हाट्सएप ग्रुप में  https://chat.whatsapp.com/FSqFAUBpHVL0woeIE7uEt6  भी रिप्लाई कर सकते  है)

प्रकृति माँ : NATURE_

प्रकृति माँ  जीवन की अनेकानेक वैज्ञानिक सम्भावनाओ के बीच उपस्थित सहज और प्राकृतिक दृष्टिकोण लुप्त होने के कगार में है। समाजोन्नति उत्तम है लेकिन एक सहज प्राकृतिक परम्परा का विलुप्त होना चिन्ताजनक विषय है। मैं एक कवि होने के नाते यह कह सकता हूँ कि, कविता की सहजता ही उसकी वैज्ञानिकता है। कालक्रम के प्रभाव से प्रत्येक क्षेत्र का रस समाप्त होता जा रहा हैं। अब हम जैसे आधुनिक,मोबाइल-कम्प्यूटर लेखको को भला क्या पता कि कविताओ से भरी डायरी जब सालो बाद खुलती है तो कविता और डायरी की खुशबु से हृदय मे होने वाले भावों के संचार,एक नये काव्य रचना का कारण बन सकते हैं। बैलगाड़ी, घोडागाड़ी, खच्चर आदि का प्रयोग प्राचीन किताबो मे दब गया,और प्रदूषण रहित धरती भी उन्ही किताबी पन्नों के गर्भ मे छिप गई। लोगों की विद्वता और सफ़लता का परिमाण उनकी चतुरता निश्चित करने लगी। घर के बुजुर्गो के साथ पुराने मानवीय मूल्य भी जर्जर हो गये। सहज और सरल लोग केवल स्वार्थ पूर्ति की सामग्री बन कर रह गये। तुलसीदास की कृति जो कि मानवीय मूल्यों से भरी हुई है,समाज का एक भाग उसे भी स्वार्थवस अथवा जडतावस अमानवीय कह कर संबोधित क...

Corona ALERT: covid19

 मुर्गा खाना है,  और मुर्गा में कोरोना है । दुविधा से बचने का इलाज है फिर काहे का रोना है.... वैश्विक बाजार की गिरावट का एक रूप पिछले दिनों से बहुत-बहुत, यानी कि अहिमक (असंख्य) अफवाहें खबर और पहर दोनों में आ गई है और उनमें सबसे ज्यादा फॉरवर्ड करने वाली खबर हो सकती है और वह है. चिकन में कोरोना है उसे मत खाना और औंधे पावँ ये चर्चा इतनी आम हो गई कि व्हाट्सएप्प विश्वविद्यालय के पाठक सही मांन बैठे।। चलो इसका जुगाड़ करते है.. मुर्गा में कोरोना है और उसे खाना है ... विधि:   पहले बाजार जाए.. और देखे कहाँ सबसे सस्ता मुर्गा है जहां पर भी हों.. उस दुकान के कार्यकर्ता से बात करें शायद और कम कर दे.. अगर नही कर तो कोई बात नही।  मुर्गा ले.. और उसे वहीँ पीस करवालें , पीस होने तक मुर्गा मर जायेगा.. मुर्गा में कोरोना रहा होगा तो वह भी मर जायेगा.. तो मुर्गा के साथ-साथ कोरोना भी खत्म..अब चिकन को घर मे लाकर बनाकर खा सकते हैं... #न_रहेगा_बांस_और_न_बजेगी_बांसुरी आप क्रोनोलॉजी समझिये  बाकी जो होगा देखा जायेगा🤐🤐 खैर ये रही मजाक की बात.. Alert: कल रात19म...

युवा राजनीति: URBAN POLITICS

भारत मे चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच के में एक और समस्या आ पहुँची है.. जो विकास के क्रम और व्यवस्था को हिला और कमजोर कर रही है.. जी हां हम बात कर रहे है ज्योतिरादित्य सिंधिया जी   जी के दल बदलने फैसले  की.. भारत के ह्रदय प्रदेश कहे जाने वाले मध्यप्रदेश में राजनीतिक दलों के असमंजस और साजिशों के चलते एक बार फिर राज्य में अस्थिरता की स्थिति बन आई है... मध्यप्रदेश में हुए चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने भाजपा को हराकर अपना झंडा फ़हराया है प्रदेश में भाजपा पिछले 3चुनाव लगभग15 सालों से पूर्ण बहुमत के साथ थी परंतु अब 15 सालों बाद प्रदेश की जनता ने अपना प्रतिनिधित्व बदलकर कांग्रेस पार्टी के हाथों दिया.. और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में माननीय कमलनाथ जी   को चुना गया.. सरकार अभी बनी हीथी कि congress के अंदर मतभेद और फुट की स्थिति उत्पन्न होने लगी.. सरकार और उनके समर्थकों में मनमुटाव काफी बढ़ा और परिणाम हुआ कि party  ताकतवर नेता सिंधिया जी ने congress  का हाथ  छोड़ कर BJP साथ थामा.. जिसके 2कारण सामने आए सिंधिया: सरकार किसानों का कर्ज माफ करन...

बन्द आंखों की दुनिया : A dream with close eyes and open mind

घर के दोनों ओर कई पेड़ और इस मौसम में चलती ठंडी हवा, बड़ी सी छत में चारों ओर 3फुट की लंबी बाउंडरी के सामने से पूरा खुला हुआ मैदान मैदान ऐसा की नज़रे जहां तक जायगी नज़ारे ही नज़ारे है कोई अवरोध नही कोई विरोध नही.. बस आंख बंद करो और महसूस करो सामने अथाय समंदर, ऊपर उठती लहरे और उनपर कल कल की आती आवाजे.. ऊंची उठती लहरे और उठकर गिरती लहरे.... आज की बिखरी चांदनी में बादलों से आती हुई चांद की झिलमिल रोशनी.. अंधेरे में उजाले के फैले पैर और उस पर पानी की लहरों में चितर-बितर खेल करती मछलियों की  अनगिनत क्रियाएं.. किनारों की रेत में आगे बढ़ते हुए पानी की धीमी रफ्तार पेड़ों की जड़ो को स्पर्श करने की कोसिस करती हुई लहरें... वहीं एक ओर उसी तलछटी में भागते हुए अश्व जोड़े की आवाजें और उनकी क्रीड़ाएँ... ऐसे शांत मौसम में उनकी हिनहिनाने की तेज ध्वनि....न तो अकेले होने का प्रतीत होने दे रही है और न ही किसी के साथ होने का.. बात करने को कोई नही लेकिन बात करनी है.. बात वो करनी है जो किसी ने की नही बात उससे करनी है जो किसी से कह नही सकता.. इन मछलियों, लहरों, चारों ओर वृक्षों के समूहों में से कोई एक वृ...

वो नीची जाति का है

 फिर वही एक पुरानी सोच के साथ एक और कहानी है.. पता नही ये किसके ऊपर है.. परम्परा सोच नादानी या फिर घमंड     खैर कुछ भी हो..मुझे नही पता ये आपको पता लगाना हैै.. कहानी को समझने के लिए पहले उसके किरदार को समझना जरूरी है.. सीता मैम: संस्कृत टीचर, (daughter-in-law ,ownre of our primary school), छोटेलाल: एक दुबला-पतला सा लड़का (हरिजन/दलित समुदाय में से ) संदीप,दीपक, शुभम, वीरू, आदि (क्लासमेट ) बात यही कोई 9-10 साल पुरानी है, जब मै शायद 6-7कक्षा में पढ़ता था. ..उस समय हमारी क्लास में एक छात्र छोटेलाल आया, जो किएक हरिजन समुदाय से था,अब ये समुदाय का मतलब क्या होता है उस समय तक हमे नही मालूम था, हम सब तो आपस में दोस्त थे.. और ज्यादा से ज्यादा हिन्दू-मुशलिम दो ही प्रकार के साथी थे.. इसके अलावा और कोई था नही.. तो जब छोटेलाल आया, पहले तो वो सरकारी स्कूल या आंगनवाड़ी में पढ़ता था तो पढ़ाई में कमजोर होना एक आम बात थी लेकिन जब वह पड़ता नही था तो हमारी  मैम(सीता) पढ़ने आए हो तो पढ़ो, तुम्हे तो यहाँ पर एडमिशन मिल गया है, वरना मिलना नही चाहिए था..  का ताना देेती, और ...

Roger waters.. Amir aziz

 अमीर अज़ीज़ को मिली पहचान.. लंदन में 2019 में अपनी एक कविता को लेकर पहचान में आने वाले अमीर अज़ीज़ की पहचान धीरे-धीरे पूरे हिंदुस्तान में हो चुकी है इसके साथ ही उनके लिए, और उनके चमकदार भविष्य के लिए .. हिंदुस्तान से दूर लंदन में हुए एक कार्यक्रम में पहल हो चुकी है      शायद आपने भी या नज़्म Tum Raat Likho Hum Chand Likhenge, Tum Jail Mein Dalo Hum Deewar Phand Likhenge,  Tum FIR Likho Hum Hain Taiyar Likhenge,  Tum Humein Qatl Kar Do Hum Banke Bhoot Likhenge, Tumhare Qatl Ke Sare Saboot Likhenge, Aur Tum Adalaton Se Baith Kar Chutkule Likho, Hum Sadkon Deewaron Pe Insaf Likhenge, Behre Bhi Sun Le Itni Zor Se Bolenge,  Andhe Bhi Padh Lein Itna Saf Likhenge,  Tum Kala Kamal Likho, Hum Lal Gulab Likhenge, Tum Zameen Pe Zulm Likh Do, Asman Pe Inquilab Likha Jayega, Sab Yaad Rakha Jayega, Sab Kuch Yad Rakha Jayega, Aur Tumhari Laathiyon Aur Goliyon Se,  Jo Qatl Huwe Hain Mere Yaar Sab, Unki Yaad Mein Dilon Ko Barbaad Rakha...