🌍 International Literacy Day 2025
✍️ परिचय – साक्षरता का अर्थ
साक्षरता केवल पढ़ना-लिखना जानना नहीं है 📖, बल्कि व्यक्ति मे सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता का विकास करना है।जब कोई व्यक्ति शिक्षित होता है तो वह समाज में बराबरी से खड़ा होता है और देश की प्रगति में योगदान देता है। इसी सोच को आगे बढ़ाने के लिए हर साल 8 सितंबर को International Literacy Day मनाया जाता है।
LITERACY DAY |
शिक्षा हर इंसान का बुनियादी अधिकार है।
UNESCO द्वारा 1967 से यह दिवस मनाया जा रहा है।
इसका उद्देश्य निरक्षरता मिटाना और समाज में जागरूकता फैलाना है।
🎯 International Literacy Day क्यों मनाया जाता है?
इस दिन को मनाने का उद्देश्य केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिन हमें याद दिलाता है कि शिक्षा गरीबी हटाने, समानता लाने और बेहतर भविष्य बनाने का सबसे बड़ा हथियार है।
निरक्षरता के खिलाफ जागरूकता फैलाना।
समाज के हर वर्ग तक शिक्षा पहुँचाना।
महिलाओं और बच्चों की शिक्षा पर विशेष लक्ष्य ।
📜 अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का इतिहास
1966 में UNESCO ने घोषणा की कि हर साल 8 सितंबर को साक्षरता दिवस मनाया जाएगा। तब 1967 से इसे पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है।
unesco international literacy day |
UNESCO की 14वीं जनरल कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा हुई।
उद्देश्य: शिक्षा को मानवाधिकार के रूप में स्थापित करना।
आज यह 150+ देशों में विभिन्न कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है।
🌟 International Literacy Day 2025: theme and slogan
प्रातिवर्ष इस दिन के लिए एक नया Theme और Slogan तय किया जाता है।
👉 2025 Theme: “Literacy for Sustainable Societies”
👉 2025 Slogan: “शिक्षा है बदलाव की चाबी 🔑 – एक साक्षर समाज, एक टिकाऊ भविष्य”
थीम शिक्षा और सतत विकास को जोड़ती है।
यह संदेश देती है कि बिना शिक्षा के टिकाऊ समाज की कल्पना संभव नहीं।
जलवायु परिवर्तन और असमानता से निपटने में साक्षरता अहम है।
🌐 दुनिया में साक्षरता की स्थिति
आज भी दुनिया में 770 मिलियन लोग निरक्षर हैं, जिनमें से 60% महिलाएँ हैं। दक्षिण एशिया और अफ्रीका में साक्षरता का प्रतिशत सबसे काम है।
international literacy graph |
वैश्विक साक्षरता दर: 86%।
युवा साक्षरता दर (15-24 वर्ष): 91%।
महिलाएँ अब भी पुरुषों से 7% पीछे।
🇮🇳 भारत में साक्षरता दर और स्थिति📈
भारत जैसे बड़े देश में शिक्षा की स्थिति लगातार सुधर रही है, लेकिन चुनौतियाँ अब भी मौजूद हैं। 2011 की जनगणना में साक्षरता दर 74% थी।
important of literacy |
पुरुष साक्षरता: ~84%
महिला साक्षरता: ~70%
सबसे आगे: केरल (96%)
सबसे पीछे: बिहार (लगभग 63%)
👩🎓 महिला शिक्षा की स्थिति
भारत में महिला साक्षरता अभी भी पुरुषों से काफी पीछे है। ग्रामीण इलाकों में गरीबी, बाल विवाह और सामाजिक धारणाएँ महिलाओं की शिक्षा में बाधा बनती हैं।
पुरुष-महिला साक्षरता का अंतर: 14%।
महिला शिक्षा पर केंद्रित योजनाएँ: बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ।
🏛️ सरकारी अभियान और नीतियाँ
सर्व शिक्षा अभियान – हर बच्चे को प्राथमिक शिक्षा।
नई शिक्षा नीति 2020 – आधुनिक और कौशल आधारित शिक्षा।
डिजिटल इंडिया – ऑनलाइन और डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा।
💡 आधुनिक समय में साक्षरता का महत्व
digital learning |
21वीं सदी में शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह रोजगार, डिजिटल स्किल्स और सामाजिक जागरूकता का आधार बन चुकी है।
नौकरी और करियर के अवसर।
Digital Literacy की ज़रूरत।
समाज में समानता और लोकतांत्रिक सोच।
🎉 International Literacy Day कैसे मनाया जाता है?
poster making compitition |
स्कूल और कॉलेज में भाषण, निबंध, पोस्टर प्रतियोगिता।
NGOs द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान।
सोशल मीडिया पर हैशटैग कैंपेन और जागरूकता फैलाना।
🚧 चुनौतियाँ और समाधान
प्रमुख चुनौतियाँ
गरीबी और संसाधनों की कमी।
ग्रामीण इलाकों में शिक्षा सुविधाओं की कमी।
डिजिटल असमानता और इंटरनेट की पहुँच न होना।
संभावित समाधान
मुफ्त और सुलभ ऑनलाइन शिक्षा प्लेटफ़ॉर्म।
सरकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन।
समाज और वॉलंटियर की सक्रिय भागीदारी।
📝 निष्कर्ष – शिक्षा से बदलता समाज
साक्षरता केवल अक्षरज्ञान नहीं है, यह व्यक्ति की सोच और समाज की दिशा बदलने की शक्ति है। शिक्षा ही मात्र वह साधन है जिसके द्वारा कोई भी आओने जीवन यात्रा को आसानी से ते करके लक्ष्य के पास पहुँच सकता है । शिक्षा कोई औपचारिकता नहीं हिय की मात्र स्कूल से मिले यह एक आदत है जिसे जीवन मे उतरना जरूरी है वैसे तो शिक्षा की कोई आयु नहीं होती फिर भी इसकी आदत बचपन से विकसित करना चाहिए जिससे प्रत्येक परिवार हर बच्चा पढ़ेगा 📖, तो न केवल परिवार बल्कि पूरा देश प्रगति करेगा।
educational power |
#internationalliteaacyday2025 #unesco
Comments