बचपन की दोस्ती थी, बड़े होने के बक़द तक चली.. लेकिन एक दिन अचानक से पता नही क्या हुआ कि किसी से भी बात करने का मन न किआ,सबकी कांटेक्ट डिलीट कर दी.. और ििइंतज़ार करने लगा, पता नही किसका -लेकिन इंतजार तो करने लगा... घीरे-धीरे दिन, दिंनो से हफ्ते और हफ़्तों से महीने गुजर गए..
और फिर दो महीने बाद, अचानक से रातों रात ..............साल बदल गया, 2019 से 2020 में आ गया लेकिन इंतजार खत्म नही हुआ।
और फिर दो महीने बाद, अचानक से रातों रात ..............साल बदल गया, 2019 से 2020 में आ गया लेकिन इंतजार खत्म नही हुआ।
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