NISAR : इंडिया और US का जॉइंट अंतरिक्ष मिशन 🛰📡
🌍 NISAR लॉन्चिंग: क्लाइमेट साइंस, desaster मैनेजमेंट और भारत अमेरिका के बीच संबंधों के लिए इसका महत्व
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NISAR launching |
भारत और अमेरिका का यह जॉइंट उपग्रह मिशन NISAR से क्लाइमेट परिवर्तन, भूकंप — , बाढ़ प्रबंधन और वैश्वित कूटनीति को नई पहचान मिलेगी,
🔬 WHAT IS NISAR❓❔
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NISAR LAUNCH |
NISAR ( NASA–ISRO Synthetic Aperture Radar) एक मॉडर्न रडार सेटेलाइट है जिसे अमेरिका की NASA और भारत की ISRO ने साथ मिलकर डेवलप किया है।
यह satellite 🛰️ 30 जुलाई 2025 को भारत के श्री हरिकोटा से GSLV- F16 रॉकेट 🚀 के माध्यम से लॉन्च किया गया है, इसकी कुछ लागत लगभग ₹12000 करोड़ है,जो इसे अब तक का पृथ्वी का सबसे कोस्टली Earth observatory satellite 📡 बनाता है।
🌡️ Climate science and NISAR 🛰
NISAR satellite की रडार तकनीकी की हेल्प से पृथ्वी के हर एक कोने पर रखी जा सकती है। यह satellite 🛰️ प्रत्येक 12 दिनों में पूरी पृथ्वी 🌍 का चक्कर लगा कर उसे स्कैन करेगा, जिससे निम्लिखित जलवायु संकेतकों पर सटीक जानकारी मिल सकेगी:
- Iceberg 🧊 and glacier की निगरानी।
- जंगलों की स्थिति और कार्बन स्टॉक मूल्यांकन।
- ग्लोबल वार्मिंग और ग्रीन हाउस गैसों का प्रभाव।
- मिट्टी की नमी और फसल की वृद्धि की निगरानी - यह भारत में मानसून पर आधारित खेती के लिए वरदान होगा।
🌀 Desaster prediction and management 🙋
NISAR , natural desaster की निगरानी और प्रिडिक्शन में क्रांतिकारी होगा।
- भूकंप से पहले जमीन आई दरारों की पहचान
- लैंडस्लाइड,volcano 🌋 और erosion पर निगरानी
- Flood🌊,cyclone 🌀, तूफानों में हुई छती का मूल्यांकन
- यह दिन रात और किसी भी मौसम के लगातार काम कर सकता है
आपातकालीन परिस्थित में डेटा को कुछ ही समय में उपलब्ध कराने में सक्षम होगा, जिससे जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए तुरंत निर्णय लिए का सकते है।
IN 🤝 US Strategic cooperation
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ISRO |
NISAR की भारत से लॉन्चिंग, भारत और अमेरिका के बीच scientific Diplomacy की मिशाल है।
- इसरो ने S- बैंड रडार satellite बस और लॉन्चिंग की जिम्मेदारी ली
- NASA ने L-बैंड रडार और विशाल रिफ्लेक्टर 🪞 पर काम किया
- यह दोनों देशों के बीच साइंटिफिक HANDSHAKE 🤝 है
- यह MISSION iCET ( Critical & Emerging Technologies) समझौते के अंतर्गत आता है
यह पार्टनरशिप दोनों देशों को जलवायु, कृषि, पर्यावरण और आपदा प्रबंधन जैसे वैश्विक विषयों पर एकजुट करने में सहायक होगा।
🏢 डेटा और तकनीक क्षमताएं 🖧
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SATELLITE |
- NISAR 🛰️ में 12 मीटर रडार रिफ्लेक्टर 🪞 है
- यह 80 TB/ Day डेटा transfer कर सकता है
- यह पृथ्वी को 12 दिनों में। पूरा स्कैन कर सकता है
इससे प्राप्त डेटा रिसर्चर्स,Govt एजेंसीज और डिजास्टर मैनेजमेंट टीम्स एंड ग्रुप्स के लिए निःशुल्क और पब्लिकली उपलब्ध होगा ।
📌 Conclusion 🔚
NISAR मात्र वैज्ञानिक सफलता नहीं है यह एक योद्धा है जो जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदा और डिप्लोमेसी संकेत है इस मिशन की सफलता भारत और USA की साझेदारी को ग्लोबली मजबूत करती है। साथ ही हमारे देश की तकनीक को वैश्विक स्तर पर नए आयाम देती है।NISAR हमारे पर्यावरण और जीवन को सुरक्षित रखने के लिए एक सैनिक की तरह काम करेगा।
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