✨ 5 अगस्त 2020- एक ऐतिहासिक दिन🙏
एक लंबे अरसे के विवाद और कोर्ट - कचरी के फैसले के बाद जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अयोध्या में। राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया, वह पल मात्र एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं था - वह था भारत के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास में एक युगांतरकारी क्षण। आज उस भूमि पूजन को 5 वर्ष हो चुके, देशभर में श्रद्धालु इसे एक धार्मिक त्यौहार की तरह मना रहे हैं। आज हम जानेंगे राम मंदिर का वर्तमान भारत में क्या महत्व है।
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🛕 राम मंदिर का धार्मिक महत्व 🪔
राम मंदिर मात्र एक विशाल संरचना नहीं, बल्कि देश विदेश में करोड़ों हिन्दुओं की भावनाओं का केंद्र है।
- भगवान श्री राम, भारतीय संस्कृति में मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में पूजे जाते हैं।
- जब से अयोध्या में राम मंदिर बना है तब से यह अन्य तीर्थों से अधिक महत्व प्राप्त कर चुका है आस्था का केंद्र बन चुका है।
- मंदिर का निर्माण धार्मिक पुनरुत्थान की भावना से भी जुड़ा है।
- आज राम मंदिर हिन्दू एकता और संस्कृति का प्रतीक बन चुका है।
🏦 राजनीतिक प्रभाव: आंदोलन से शासन तक 👬👭👯👪
जब जब राम मंदिर की बात होती है तब तब भारतीय राजनीति में भारी उथल पुथल होती आई है, दशकों से इसने राजनीति को इतने गहरे तरीके से प्रभावित किया है।
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- 1980 के दशक में मंदिर के आंदोलन ने जोर पकड़ा
- 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस और उसके बाद हुए धार्मिक और राजनीतिक दंगे भारतीय राजनीति में एक नया विषय लेकर आए।
- भारतीय जनता पार्टी के लिए आंदोलन ने एक मजबूत जनाधार तैयार किया और यही मंदिर सत्ता में आने और बने रहने का मुख्य आधार बना।
भूमि पूजन इस राजनीतिक यात्रा का एक क्लाइमेक्स था –जहां आंदोलन से निर्माण तक का चक्र पूरा हुआ।
🗞️ 📜 सामाजिक प्रभाव: विभाजन या समरसता 👥👥
राम मंदिर के निर्माण को लेकर समाज मिश्रित प्रतिक्रियाएं आती रही हैं, मंदिर ने समाज को वर्गों में विभाजित किया जितना हो सकता था राजनीति की महत्वाकांक्षा यही थी।
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- जहां एक ओर हिन्दू समाज में मंदिर के निर्माण को गर्व और पुनर्जागरण की भावना से जोड़कर देखा।
- वहीं अल्पसंख्यक समुदायों और सेक्युलर विचार वाले वर्गों ने इसे धार्मिक ध्रुवीकरण के रूप में देखा।
लेकिन सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद , मंदिर निर्माण को एक कानूनी और शांतिपूर्ण समाधान के रूप में स्वीकार किया गया।
🌎 अंतरराष्ट्रीय नजरिया: भारत की छवि🗺
राम मंदिर के निर्माण से विदेशों में बसे भारतीयों के उत्साह और उमंग की भावना का जन्म हुआ।
- अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन के बहुत से मंदिरों में इसे लेकर पूजा भी हुई।
- यह निर्माण भारत की सांस्कृतिक कूटनीति का हिस्सा बन गया।
🗓️ 5वीं वर्षगांठ: अयोध्या में उत्सव 🎇🎆
- लाखों श्रद्धालु इस दिन विशेष पूजा, राम कथा और दीप उत्सव में भाग लेते हैं।
- रामजन्म भूमि क्षेत्र में ट्रस्ट के द्वारा विशाल आयोजन किया जाता है जहां लाखों श्रद्धालु पहुंचकर प्रसाद ग्रहण करते है।
- दूरदर्शन, सोशल मीडिया और अन्य tv news chenal इस त्योहार का लाइव प्रसारण करते हैं।
🤔🧐 मंदिर बन गया,अब आगे क्या❓
आज राम मंदिर की नींव रखे और बने हुए 5 साल पूरे हो चुके फिर भी चिंताविदों के मन में कुछ सवाल अब भी बने हुए है जितना उजागर होना स्वाभाविक है।
- क्या मंदिर निर्माण से साम्प्रदायिक सौहाद्र बना है या नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं?
- क्या मंदिर अब मात्र राजनीति का विषय बन चुके हैं और राजनीति इन्हीं पर केंद्रित रहेगी?
- क्या यह धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा और अयोध्या को नया विकास देगा?
- समाज में कितने लोग, वर्ण और वर्ग एक साथ समाज बनकर रहने लगेगे?
इन सवालों पर भी विचार करना जरूरी है, क्यों कि मंदिर मात्र भावनाओं का केंद्र ही नहीं बल्कि अब राजनीति का केंद्र भी बन चुका है।
🔚 Cinclusion:
राम मंदिर: जन जन के मन में
राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण भारतीय इतिहास का वह अध्याय है जिसमें धार्मिक, राजनीतिक और न्यायिक तीनों ही प्रक्रिया शामिल हैं।
आज 5 अगस्त सिर्फ एक भूमि पूजन ही नही बल्कि एक युग परिवर्तन का प्रतीक है, यद्यपि दिन -दिन मंदिर का निर्माण पत्थरों से होता जा रहा है फिर भी यह कहा जा सकता है कि मंदिर का निर्माण भावना के द्वारा हो रहा है।
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