💣 Genoside: a project called MANHATTAN PROJECT🚀⚰
मैनहट्टन प्रोजेक्ट क्या है? इतिहास, उद्देश्य 🖆
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project manhattan atomic attack |
प्रस्तावना – मैनहट्टन प्रोजेक्ट क्या था?
मैनहट्टन प्रोजेक्ट (Manhattan Project) अमेरिकी सरकार की एक secret परमाणु योजना थी जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के समय develop किया गया। इसका उद्देश्य एक ऐसा हथियार बनाना था , जो युद्ध को जल्दी समाप्त कर सके – जिसका परिणाम था परमाणु बम (Atomic Bomb)। यह प्रोजेक्ट विज्ञान के इतिहास का सबसे बड़ा और गोपनीय प्रोजेक्ट माना जाता है
history & time⏲🔖
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समय था द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945)।
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जर्मनी भी परमाणु बम बनाने की कोशिश कर रहा था। इससे डरते हुए अमेरिका ने वैज्ञानिकों की एक टीम बनाई।
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आइंस्टीन और अन्य वैज्ञानिकों ने अमेरिकी राष्ट्रपति को खतरे से आगाह किया।
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1942 में इस गुप्त योजना की शुरुआत हुई जिसे नाम दिया गया – मैनहट्टन प्रोजेक्ट।
प्रमुख वैज्ञानिक 🕴
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सैन्य नेतृत्व: जनरल लेस्ली ग्रोव्स
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वैज्ञानिक निदेशक: जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर
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अन्य बड़े वैज्ञानिक: एनरिको फर्मी, रिचर्ड फैमन, नील्स बोर इत्यादि।
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ओपेनहाइमर को अक्सर कहा जाता है – Father of the Atomic Bomb
मुख्य प्रयोगशाला
स्थान | उद्देश्य |
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लॉस एलामोस (New Mexico) | मुख्य रिसर्च और बम निर्माण |
ओक रिज (Tennessee) | यूरेनियम संवर्धन |
हनफोर्ड (Washington) | प्लूटोनियम उत्पादन |
इन जगहों को इतना सेक्रेटली रखा गयौ था की जब तक बॉम्ब नहीं गिराया और अमेरिका ने खुद नहीं बताया तब तक किसी को इन जगह बारे मे खबर तक न हुई ।
तकनीक और परमाणु बम का विकास
मैनहट्टन प्रोजेक्ट में दो प्रकार के परमाणु बम बनाए गए:
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Little Boy – यूरेनियम आधारित (Hiroshima में गिराया गया)
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Fat Man – प्लूटोनियम आधारित (Nagasaki में गिराया गया)
पहला सफल परमाणु परीक्षण 16 जुलाई 1945 को Trinity Test के नाम से किया गया।
Hiroshima & नागासाकी पर हमला
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Atomic Genocide |
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6 अगस्त 1945 – हिरोशिमा पर Little Boy को गिराया और
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9 अगस्त 1945 – नागासाकी पर Fat Man नामक परमाणु बॉम्ब गिराया गया ।
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लगभग 2 लाख से अधिक लोगों की जान तत्काल प्रभव से गई और इसके बाद भी इस घटना के परिणाम देखने को मिलते रहे ।
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परिणाम: जापान ने आत्मसमर्पण किया और द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हो गया
नैतिक और मानवीय सवाल
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क्या परमाणु बम गिराना सही था? इसे गिराने से पहले नरसंहार के बारे मे सोचा गया ?
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लाखों निर्दोष लोगों की जान गई और इसके बाद भी इसके दुसपरिणाम देखने मे मिलोटे रहे लोगों ने रिएक्शन और रेडीऐशन के दर से ग्रसित लोगों को समाज से अलग कर दिया ।
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कई वैज्ञानिक भी युद्ध के बाद पछताए और ओपेनहाइमर का प्रसिद्ध कथन: “I am become Death, the destroyer of worlds” चर्चा का विसय बना ।
युद्ध के बाद प्रभाव और शीत युद्ध की शुरुआत
cold war after a dedly EGO |
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अमेरिका और सोवियत यूनियन के बीच हथियारों की होड़ शुरू हुई
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शीत युद्ध (Cold War) का आरंभ
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परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्ण उपयोग भी शुरू हुआ – बिजली उत्पादन आदि
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1968 में Nuclear Non-Proliferation Treaty (NPT) बना जो परमाणु हथियार,उनके निर्माण औरे उपयोग पर प्रतिबंद लगता है और देख रेख करता है ।
facts
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प्रोजेक्ट पर लगभग 2 बिलियन डॉलर खर्च हुए (उस समय!) और इतना खर्च मात्र एक देश मे लाखों लोगों की जान लेने के लिए , लोगों को पता भी नहीं चल और उनके हाथों हत्याएं कर दी 😟।
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इसमें 1,30,000 से अधिक लोग शामिल थे, लेकिन अधिकांश को पता ही नहीं था कि वे किस काम पर लगे हैं।
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इस पर कई फिल्में बनी हैं जैसे – Oppenheimer (2023), Fat Man and Little Boy (1989)।
⧟उपसंहार 🔚
मैनहट्टन प्रोजेक्ट ने विज्ञान, राजनीति और मानवता – तीनों को गहराई से प्रभावित किया। भले ही इस दुखट घटना को इतना समय हो चुका है फिर भी इससे हुई हत्ये और निर्दोष लोगों का संहार को कभी भुलाया नहीं जा सकता है , घटना के बाद जापान से आत्मसमर्पण किया लेकिन ये समर्पण वहाँ के लोगों का नहीं ,जापान के लोगों मे एक नया उबाल आया और जितना जलड़ी वहाँ के लोगो ने स्वयं को संभाल लिया शायद ही कोई दूसरा इतना जल्दी संभाल सकता है । इस घटना यह दिखा दिया कि विज्ञान से बहुत शक्ति मिलती है, लेकिन गलत हाथों में वह विनाश भी ला सकती है। आज भी परमाणु हथियारों का विषय दुनियाभर में चिंता का कारण है।
अंतिम प्रश्न
आपकी राय में क्या मैनहट्टन प्रोजेक्ट का उपयोग सही था? क्या परमाणु हथियार आज की दुनिया के लिए खतरा हैं? अपने विचार कमेंट में जरूर लिखें।
AI इमेज जो उस समय आज की सुपर पावर ली क्रूरता दिखती है
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