INTRO 🔊
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TARDE WAR |
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड TRUMP जुलाई 2025 के आखिरी में एब बड़ा ANNOUNCEMENT करते हुए कि भारत - US ट्रेड ME होने वाले निर्यात पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा, यह कोई अचानक ही लिया गया फैसला नहीं है बल्कि इसके पहले भी TRUMP ने "अमेरिका FIRST" की नीति को आगे बढ़ाते हुए बहुत से देशों में भारी टैक्स लगा चुके हैं, और इस बार TRUMP के ट्रेड WAR निशाने पर भारत है।
📈 TARRIFF लगाने का कारण
- रूस के साथ भारत के अच्छे संबंध: यूक्रेन वार के समय भी भारत ने रूस से oil 🛢️ और हथियार 🔫 💣 की खरीदी पर वृद्धि कर दी, जबकि US ने इसके लिए एक अनौपचारिक प्रतिबंध लगाया हुआ था और यही बात US को अच्छी नहीं लगी।
- TRUMP'S POLITICAL STRATEGY: TARRIFF में बढ़ोत्तरी का यह कदम घरेलू उद्योगों को राहत देने के बहाने और भारत जैसे विशाल देश और इसकी बाजार को कौन नियंत्रित करने का एक तरीका माना जाता है।
- BALANCE ♎ OF TRADE: रूस और ईरान के साथ बढ़ता ट्रेड देख अमेरिका को अपना व्यापार घाटा बढ़ता हुआ नजर आ रहा था।
☣️ कौन से क्षेत्र अधिक प्रभावित होंगे
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INDIAN MARKET |
🧵👗 Textile & Apparel
- इस टैरिफ से भारत के कपड़ा उद्योग और कपड़ा बाजार को सबसे अधिक नुकसान हो सकता है।
- अमेरिका, भारत से हर साल करोड़ो डॉलर का व्यापार मात्र कपड़ों के माध्यम से करता है, ऐसा होने पर फैशन और तैयार कपड़ों की बाजार में। असर पड़ेगा।
- Tarriff की कीमत बढ़ने पर प्रतिस्पर्धा में कमी आएगी और अमेरिका के लोग वहां के लोकल मार्केट के कपड़ों से भारत के वस्त्र उद्योग मैच नहीं कर पाएंगे।
💎 Gems & jwellery
- यह क्षेत्र भारत की सबसे बड़े निर्यात इंडस्ट्री में से एक है
- अमेरिकी इस क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा ग्राहक है
- Tarriff se हीरे, सोना - चांदी के आभूषणों की कीमत बढ़ेगी और मांग घटेगी जिसका सीधा असर भारतीय बाजार में दिखेगा
🚂 Auto parts 〽️ और इंजीनियरिंग सामान
- अमेरिका में भारतीय ऑटो पार्ट्स का बड़ा मार्केट है लागत बढ़ने पर अमेरिकी कंपनियां दूसरे देशों से ट्रेड साइन कर सकती हैं।
🛢️ रिफाइंड पेट्रोलियम और केमिकल
इस वार के भारत से अमेरिकी बाजार में पहुंचने वाले पेट्रोकेमिकल भी निशाने पर है।
📉 भारतीय GDP और रोजगार पर असर
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GDP |
- भारत की GDP को 0.3% से 0.5% तक का नुकसान हो सकता है
- MSME और छोटे कारोबार जो अमेरिका पर निर्भर है उनसे सबसे अधिक नुकसान पहुंचेगा
- भारतीय बाजार बेरोजगार युवाओं की संख्या और अधिक बढ़ सकती है।
🚏 भारत की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने कहा कि
- हम अपने राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखेंगे
- WTO में शिकायत कराई जा सकती है ( यह एक संस्था है जो वैश्विक स्तर पर बाजार को नियंत्रित और संयम बनाने में सहायक है)
- सरकार वैकल्पिक बाजारों जैसे – अफ्रीका, यूरोप और मिडिल ईस्ट में बाजार स्थापित करेगी
विपक्ष का हमला
- कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों ने इसे मोदी सरकार की विदेश नीति की विफलताएं बताई है।
- ट्रंप के साथ भारत की मित्रता अब भारी पड़ रही है
🌎 World politics में भारत
यह घटना मात्र व्यापार की नहीं बल्कि कूटनीति की भी है। भारत अमेरिका, रूस और चाइना के ट्रेड के बीच फंसा नजर आ रहा है।
1. भारत, अमेरिकी दबाव में आएगा और अपना फैसला बदलेगा??
2. क्या भारत अपनी स्वतंत्र नीति के आधार पर रूस से व्यापार जारी रखेगा??
💭 भारत के अन्य विकल्प
- एक्सपोर्ट डाइवर्सिफिकेशन : भारत को अब नए बाजार खोजने चाहिए
- स्वदेशी उत्पादन: भारतीय बाजार को मजबूत करके, भारत को आयात पर अपनी निर्भरता कम करनी होगी।
- बायलटेरल डिस्कशन: विदेश नीतियों पर खुल कर बात करके tarriff को घटाने की बात करनी चाहिए।
- Long term supply chain को localise करने की जरूरत है
- अमेरिकी डीलरों के साथ नई प्राइसिंग स्ट्रैटजी बनाने की जरूरत है।
RUPEE VS DOLLER ECONOMY
📌 Conclusion 🔚
अमेरिका के द्वारा भारत पर यह 25% बढ़ा हुआ टैरिफ सिर्फ एक ट्रेड वार नहीं है बल्कि एक रणनीतिक चुनौती भी है, इससे भारत की छवि व्यापार क्षेत्र ने धूमिल होगी और भारत का अंतरिक बाजार भी गोते खाने लगेगा, भारत की आंतरिक राजनीति भी बदल जाएगी,इससे भारत को सीख लेकर अपनी निर्भरता अन्य देशों पर कम करना होगी और वैश्विक राजनीतिक मंच पर इसका हल निकालना होगा।
भारत को ऐसी रणनीति बनाने की आवश्यकता है जिससे भारत भविष्य ऐसे ट्रेड वार से बच सके।
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