🌍 G20 का इतिहास और वर्तमान भूमिका: भारत और विश्व के लिए क्यों है महत्वपूर्ण?
🙋G20 क्या है?
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G20 2025 |
G20: GROUP OF TWENTY एक अंतरराष्ट्रीय मंच है, जिसमें WORLD की 19 सबसे बड़ी ECONOMY और यूरोपीय संघ (EU) शामिल हैं। G20 दुनिया की लगभग 85% GDP, 75% से ज़्यादा अंतरराष्ट्रीय व्यापार और 60% से अधिक POPULATION का प्रतिनिधित्व करता है।
जिसका उद्देश्य है – वैश्विक अर्थव्यवस्था, व्यापार, वित्तीय स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर discussion एण्ड sollution ।
🌐G20 का इतिहास: इसकी शुरुआत कब और क्यों हुई?
1.💲 एशियाई वित्तीय संकट से जन्म (1997–1999)
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1997 में एशिया में बड़ा वित्तीय संकट आया।
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इससे अंतरराष्ट्रीय बाज़ार हिल गया और दुनिया को यह समझ आया कि केवल कुछ developed देश ही आर्थिक फैसले नहीं ले सकते।
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इसी के चलते 1999 में G20 की स्थापना हुई।
2.🪑 G20 की पहली बैठक
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G20 की पहली बैठक दिसंबर 1999, बर्लिन (जर्मनी) में आयोजित हुई।
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पहले यह केवल वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों का मंच था।
3.💫 2008 का वैश्विक आर्थिक संकट: बड़ा बदलाव
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जब 2008 का वैश्विक मंदी आई , तब G20 को और मज़बूत किया गया।
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पहली बार देशों के प्रमुख ने इसमें participate लिया।
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तब से G20 दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक सहयोग संस्था बन गई।
🌐G20 का विकास📈
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1999 – G20 की स्थापना (Finance Ministers )।
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2008 – Global Financial Crisis के बाद Leaders’ Summit ।
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2009 – G20 को “मुख्य अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग मंच” घोषित किया गया।
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2010 – G20 शिखर सम्मेलन की मेज़बानी दक्षिण कोरिया ने की इससे विकासशील देशों को भी महत्व मिला।
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2023 – भारत ने पहली बार G20 Summit (नई दिल्ली) की मेज़बानी की।
🌐वर्तमान में G20
आज G20 केवल अर्थव्यवस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि –
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जलवायु परिवर्तन से निपटने का वैश्विक मंच
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सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) पर काम
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डिजिटल अर्थव्यवस्था और तकनीक
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वैश्विक स्वास्थ्य और महामारी नियंत्रण
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रोज़गार और समावेशी विकास
जैसे मुद्दों पर भी discussion करता है।
🌐भारत की भूमिका और योगदान
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भारत 1999 से G20 का स्थायी सदस्य है।
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2023 में भारत ने G20 अध्यक्षता संभाली और पहली बार नई दिल्ली शिखर सम्मेलन आयोजित किया।
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भारत ने “One Earth, One Family, One Future” (वसुधैव कुटुम्बकम्) का संदेश दिया।
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डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टार्टअप्स, क्लाइमेट एक्शन और ग्लोबल साउथ की आवाज़ बुलंद करने में भारत ने अहम योगदान दिया।
निष्कर्ष🔚
G20 का इतिहास हमें यह बताता है कि इसे केवल आर्थिक संकट से निपटने के लिए बनाया गया था, लेकिन आज यह वैश्विक सहयोग और सामूहिक नेतृत्व का मंच बन चुका है।
भारत जैसे देशों के लिए G20 राजनयिक शक्ति बढ़ाने, वैश्विक मुद्दों पर नेतृत्व दिखाने और विकासशील देशों की आवाज़ उठाने का सबसे बड़ा अवसर है।
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